राम जाने किधर गया पानी…
प्रकासित मिति : २०७७ जेष्ठ २३, शुक्रबार १६:००
प्रकासित समय : १६:००
सबकी आँखोंका मर गया पानी
राम जाने किधर गया पानी।
ज़िक्र होते ही बावफाओं का
आपका क्यूँ उतर गया पानी ।
धूप ने जब गले लगाया तो
क़तरा – क़तरा बिखर गया पानी ।
तेरी तस्वीर जब कभी देखी
मेरी आँखों में भर गया पानी ।
हाल दुनिया का क्या कहूँ ”नायक”
अब तो सर से गुज़र गया पानी ।
राजिस्तान जोधपुर भारत