राम जाने किधर गया पानी…

 

सबकी आँखोंका मर गया पानी
राम जाने किधर गया पानी। 

ज़िक्र होते ही बावफाओं का
आपका क्यूँ उतर गया पानी ।

धूप ने जब गले लगाया तो
क़तरा – क़तरा बिखर गया पानी ।

तेरी तस्वीर जब कभी देखी
मेरी आँखों में भर गया पानी ।

हाल दुनिया का क्या कहूँ ”नायक”
अब तो सर से गुज़र गया पानी ।

राजिस्तान जोधपुर भारत